Back to Hindi Aroh

NCERT Solutions For Class 11 Hindi Aroh: Chapter-7

October 31, 2025

जामुन का पेड़

- कृष्ण चंदर | कक्षा 11 हिंदी आरोह

पाठ का सारांश

यह कथा प्रसिद्ध उर्दू कथाकार कृष्ण चंदर द्वारा रचित एक प्रसिद्ध हास्य-व्यंग्य कथा है। कृष्ण चंदर प्रगतिशील लेखक संघ से गहराई से जुड़े थे, और उनकी रचनाएँ यथार्थवादी नज़रिए से लिखी जाती थीं। इस कहानी में उन्होंने सरकारी कार्यालयों में व्याप्त लालफ़ीताशाही (ब्यूरोक्रेसी), संवेदनहीनता और पद-सोपान की निरर्थकता पर तीखा व्यंग्य किया है, जिसमें घटनाओं को अतिशयोक्तिपूर्ण ढंग से प्रस्तुत किया गया है।

कथा का विस्तृत सारांश:

(क) घटना और प्राथमिक निष्क्रियता:
कहानी की शुरुआत एक रात आए ज़ोरदार झक्कड़ (आँधी) से होती है, जिसके कारण सचिवालय के लॉन में एक फलदार जामुन का पेड़ गिर जाता है। सुबह माली को पता चलता है कि पेड़ के नीचे एक आदमी दबा पड़ा है। क्लर्क तुरंत दबे आदमी की चिंता करने के बजाय, पेड़ के नष्ट होने का अफ़सोस जताते हैं कि वह कितना फलदार था और उसकी जामुनें कितनी रसीली थीं। जब माली आदमी को निकालने का सुझाव देता है, तो सुपरिंटेंडेंट तुरंत हस्तक्षेप करता है और कहता है कि वह अंडर-सेक्रेटरी से पूछकर हुक्म लेगा। इस प्रकार, एक व्यक्ति का जीवन सरकारी पदानुक्रम में फँसकर रह जाता है।

(ख) विभागों के बीच ज़िम्मेदारी का टलना:

आधा दिन बीत जाने के बाद, सुपरिंटेंडेंट फाइल लेकर आता है और बताता है कि वे स्वयं पेड़ नहीं हटा सकते, क्योंकि वे व्यापार विभाग से संबंधित हैं और पेड़ की समस्या कृषि विभाग के अधीन है। कृषि विभाग अगले दिन जवाब देता है कि चूँकि पेड़ व्यापार विभाग के लॉन में गिरा है, इसलिए ज़िम्मेदारी उन्हीं की है। विवाद बढ़ने पर, कृषि विभाग ने यह तर्क देते हुए मामला उद्यान कृषि विभाग (हॉर्टीकल्चर डिपार्टमेंट) को सौंप दिया कि जामुन का पेड़ एक फलदार पेड़ है।

(ग) अजीबोगरीब सुझाव और मेडिकल हस्तक्षेप:

जब पेड़ काटने की इजाज़त नहीं मिली, तो एक मनचले क्लर्क ने सुझाव दिया कि अगर पेड़ नहीं काटा जा सकता, तो दबे हुए आदमी को ही बीच में से धड़ से काटकर बाहर निकाल लिया जाए। इस पर दूसरे व्यक्ति ने तर्क दिया कि प्लास्टिक सर्जरी में बहुत उन्नति हो चुकी है और आदमी को काटकर निकालने के बाद धड़ के स्थान से उसे फिर से जोड़ा जा सकता है। यह सुझाव सुनकर फ़ाइल मेडिकल डिपार्टमेंट में भेज दी गई। मेडिकल डिपार्टमेंट ने फ़ौरन एक्शन लिया और सर्जन ने जाँच के बाद रिपोर्ट दी कि आदमी का प्लास्टिक ऑपरेशन तो सफल हो जाएगा, मगर आदमी मर जाएगा

(घ) कवि का रहस्योद्घाटन और सांस्कृतिक विभाग की भूमिका:

रात को माली ने दबे हुए आदमी के मुँह में खिचड़ी डालते हुए उसे बताया कि उसकी फ़ाइल अब और ऊपर चली गई है। दबे हुए आदमी ने तब मिर्ज़ा ग़ालिब का एक शेर सुनाया। माली को पता चला कि दबा हुआ आदमी एक शायर (कवि) है। कवि होने की अफ़वाह सचिवालय में फैल गई और फ़ाइल तुरंत सांस्कृतिक विभाग (कल्चरल डिपार्टमेंट) को सौंप दी गई। साहित्य अकादमी के सेक्रेटरी ने आकर कवि का इंटरव्यू लिया और उसे अपनी केंद्रीय शाखा का मेंबर चुन लिया।

(ङ) अंतर्राष्ट्रीय संबंध और अंत:

अगले दिन जब फ़ॉरेस्ट डिपार्टमेंट के आदमी आरी-कुल्हाड़ी लेकर पहुँचे, तो उन्हें विदेश विभाग के हुक्म से रोक दिया गया। पता चला कि यह जामुन का पेड़ दस साल पहले पिटोनिया राज्य के प्रधानमंत्री ने लगाया था। यदि पेड़ काटा गया, तो पिटोनिया सरकार से भारत के संबंध हमेशा के लिए बिगड़ सकते थे। अन्ततः, सुबह प्रधानमंत्री दौरे से वापस आ गए और शाम पाँच बजे सुपरिंटेंडेंट ख़ुशी से चिल्लाता हुआ आया कि प्रधानमंत्री ने पेड़ काटने का हुक्म दे दिया है। मगर जब तक हुक्म आया, तब तक कवि का हाथ ठंडा हो चुका था, उसकी आँख की पुतलियाँ निर्जीव थीं। उस दबे हुए कवि के जीवन की फ़ाइल भी पूर्ण हो चुकी थी

कहानी के प्रमुख पात्र:

  • कवि 'ओस': दबा हुआ व्यक्ति, शायर
  • माली: पहला व्यक्ति जिसने दबे हुए आदमी को देखा
  • सुपरिंटेंडेंट: सरकारी कर्मचारी
  • विभिन्न विभागों के अधिकारी: व्यापार, कृषि, उद्यान, मेडिकल, सांस्कृतिक, वन और विदेश विभाग

कहानी के प्रमुख संदेश और व्यंग्य:

  • सरकारी कार्यालयों में लालफीताशाही और देरी
  • विभागों के बीच जिम्मेदारी टालने की प्रवृत्ति
  • मानवीय संवेदनहीनता और नौकरशाही व्यवस्था
  • छोटे-छोटे मामलों को बड़ा बना देना
  • सरकारी कामकाज की धीमी गति
  • नौकरशाही में मानवीय मूल्यों का अभाव

विशेषताएँ:

  • विधा: हास्य-व्यंग्य कथा
  • भाषा-शैली: सरल, व्यंग्यात्मक, मार्मिक
  • मुख्य विषय: नौकरशाही की विसंगतियाँ
  • शैली: अतिशयोक्तिपूर्ण वर्णन
  • उद्देश्य: सामाजिक विसंगतियों पर प्रहार

पाठ के साथ

प्रश्न 1: बेचारा जामुन का पेड़। कितना फलदार था। और इसकी जामुनें कितनी रसीली होती थीं।
क- ये संवाद कहानी के किस प्रसंग में आए हैं?
ख- इससे लोगों की कैसी मानसिकता का पता चलता है?

उत्तर-
क. ये संवाद उस प्रसंग में आए हैं जब रात के समय बड़े जोर के झक्कड़ (आँधी) के कारण सचिवालय के लॉन में जामुन का पेड़ गिर जाता है और उसके नीचे एक आदमी दब जाता है। इस घटना को देखने के लिए भीड़ इकट्ठी होती है, और क्लर्क दबे हुए आदमी की चिंता करने के बजाय जामुन के पेड़ के नष्ट होने का अफ़सोस जताते हैं।

ख. इससे लोगों की संवेदनहीन और स्वार्थी मानसिकता का पता चलता है। क्लर्कों के लिए एक ज़िंदा आदमी से ज़्यादा महत्त्व उस जामुन के पेड़ का है जिसके फल वे खाया करते थे। उनकी बातें यह दर्शाती हैं कि सरकारी कार्यालयों में मानवीय पीड़ा और जीवन की क़ीमत वस्तु के लाभ से भी कम आँकी जाती है।


प्रश्न 2: दबा हुआ आदमी एक कवि है, यह बात कैसे पता चली और इस जानकारी का फ़ाइल की यात्रा पर क्या असर पड़ा?

उत्तर-
क. कवि होने का पता चलना

रात को माली ने दबे हुए आदमी के मुँह में खिचड़ी डालते हुए उसे बताया कि उसकी फ़ाइल ऊपर चली गई है और उम्मीद है कि कल तक फ़ैसला हो जाएगा। इस पर दबे हुए आदमी ने धीरे से मिर्ज़ा ग़ालिब का एक शेर (या मिलते-जुलते भाव का शेर) सुनाया— "ये तो माना कि तग़ाफ़ुल न करोगे लेकिन/ख़ाक हो जाएँगे हम तुमको ख़बर होने तक!"। माली को आश्चर्य हुआ और उसने पूछा कि क्या वह शायर है? दबे हुए आदमी ने सिर हिलाकर 'हाँ' में जवाब दिया। इस प्रकार, यह बात पता चली कि दबा हुआ आदमी एक कवि (शायर) है।

ख. फ़ाइल की यात्रा पर असर

जब यह बात सचिवालय में फैली कि दबा हुआ आदमी एक कवि है, तो फ़ाइल की यात्रा तुरंत बदल गई। अब तक यह फ़ाइल कृषि विभाग (एग्रीकल्चर डिपार्टमेंट) और उद्यान कृषि विभाग (हॉर्टीकल्चर डिपार्टमेंट) के बीच घूम रही थी। कवि होने की जानकारी मिलते ही, सचिवालय की सब-कमेटी ने फ़ैसला किया कि इस फ़ाइल का संबंध अब न कृषि विभाग से है और न हॉर्टीकल्चर विभाग से, बल्कि सीधे सांस्कृतिक विभाग (कल्चरल डिपार्टमेंट) से है। इस जानकारी ने फ़ाइल की दिशा बदल दी और उसे साहित्य अकादमी के सेक्रेटरी के पास भेज दिया गया।


प्रश्न 3: कृषि विभाग वालों ने मामले को हॉर्टीकल्चर विभाग को सौंपने के पीछे क्या तर्क दिया?

उत्तर-
कृषि विभाग (एग्रीकल्चर डिपार्टमेंट) ने इस मामले को उद्यान कृषि विभाग (हॉर्टीकल्चर डिपार्टमेंट) को सौंपने के पीछे यह तर्क दिया कि कृषि विभाग अनाज और खेती-बाड़ी के मामलों में फ़ैसला करने का हक़दार है, जबकि जामुन का पेड़ एक फलदार पेड़ है। चूँकि जामुन का पेड़ फलदार वृक्ष है, इसलिए यह मामला हॉर्टीकल्चर डिपार्टमेंट (उद्यान कृषि विभाग) के अंतर्गत आता है और उन्हें ही इस पर फ़ैसला लेना चाहिए।
(पुस्तक में पृष्ठ 93 पर संवाद)


प्रश्न 4: इस पाठ में सरकार के किन-किन विभागों की चर्चा की गई है और पाठ से उनके कार्य के बारे में क्या अंदाज़ा मिलता है?

उत्तर-

पाठ में निम्नलिखित सरकारी विभागों की चर्चा की गई है और उनके कार्यों के बारे में निम्न अंदाज़ा मिलता है:

क. व्यापार विभाग (ट्रेड डिपार्टमेंट): फ़ाइल की शुरुआत इसी विभाग में हुई, क्योंकि पेड़ लॉन में गिरा था। यह विभाग व्यापार संबंधी मामलों से संबंधित है, लेकिन इसमें इतनी भी सामर्थ्य नहीं है कि वह अपने लॉन से पेड़ हटवा सके।
ख. कृषि विभाग (एग्रीकल्चर डिपार्टमेंट): यह विभाग अनाज और खेती-बाड़ी के मामलों से संबंधित है। इस विभाग का अंदाज़ा है कि यह फलदार पेड़ों को गैर-कृषि मानता है और ज़िम्मेदारी से बचने के लिए तुरंत पल्ला झाड़ लेता है।
ग. उद्यान कृषि विभाग (हॉर्टीकल्चर डिपार्टमेंट): यह विभाग फलदार पेड़ों की देखरेख से संबंधित है। इसका अंदाज़ा है कि यह विभाग भी संवेदनहीन है। इसका सेक्रेटरी साहित्य-प्रेमी होकर भी आदमी की जान से ज़्यादा 'पेड़ लगाओ' स्कीम और जामुन के फलों को महत्त्व देता है, इसलिए पेड़ काटने की इजाज़त नहीं देता।
घ. मेडिकल विभाग (मेडिकल डिपार्टमेंट): यह विभाग प्लास्टिक सर्जरी और इलाज से संबंधित है। इसका अंदाज़ा है कि यह तेज़ी से एक्शन लेता है (सर्जरी की संभावना पर तुरंत सर्जन को भेजा गया), लेकिन इसकी रिपोर्ट भी मानवीय नहीं है—यह कहती है कि सर्जरी सफल होगी, पर आदमी मर जाएगा।
ङ. सांस्कृतिक विभाग (कल्चरल डिपार्टमेंट/साहित्य अकादमी): यह विभाग साहित्य और कला से संबंधित है। इसका काम दबे हुए कवि को बचाने के बजाय उसे अपनी अकादमी का मेंबर बनाना और उसे सरकारी वज़ीफ़ा देने का प्रस्ताव देना है, लेकिन पेड़ काटने के लिए आरी-कुल्हाड़ी का इंतजाम नहीं कर सकता।
च. वन विभाग (फॉरेस्ट डिपार्टमेंट): पेड़ काटना आरी-कुल्हाड़ी का काम होने के कारण अंत में फ़ाइल इस विभाग को सौंपी गई।
छ. विदेश विभाग (फॉरेन डिपार्टमेंट): यह विभाग दो राष्ट्रों के बीच संबंधों को देखता है। इस विभाग ने इस आधार पर पेड़ काटने से मना कर दिया कि यह पेड़ दस साल पहले पिटोनिया राज्य के प्रधानमंत्री ने लगाया था, जिससे अंतर्राष्ट्रीय संबंध बिगड़ने का ख़तरा था। यह विभाग व्यक्ति के जीवन की तुलना में देश के संबंध को अधिक महत्त्व देता है।


पाठ के आस-पास

प्रश्न 1: कहानी में दो प्रसंग ऐसे हैं, जहाँ लोग पेड़ के नीचे दबे आदमी को निकालने के लिए कटिबद्ध होते हैं। ऐसा कब-कब होता है और लोगों का यह संकल्प दोनों बार किस-किस वजह से भंग होता है।

उत्तर-
क. पहला प्रसंग

यह प्रसंग घटना के तुरंत बाद आता है, जब माली सुझाव देता है कि यदि सुपरिंटेंडेंट साहब हुक्म दें तो पंद्रह-बीस माली, चपरासी और क्लर्क मिलकर पेड़ को हटा सकते हैं। बहुत से क्लर्क एक साथ बोल पड़ते हैं, "लगाओ जोर, हम तैयार हैं"।
उनका यह संकल्प सुपरिंटेंडेंट के हस्तक्षेप के कारण भंग होता है। सुपरिंटेंडेंट उन्हें रोक देता है और कहता है कि वह अंडर-सेक्रेटरी से पूछेगा।

ख. दूसरा प्रसंग

यह प्रसंग दोपहर के भोजन के समय आता है, जब कुछ मनचले क्लर्कों ने समस्या को ख़ुद ही सुलझाने का निश्चय किया। वे हुकूमत के फ़ैसले का इंतज़ार किए बिना पेड़ को हटाने की योजना बना रहे थे।
उनका यह संकल्प सुपरिंटेंडेंट द्वारा लाई गई फ़ाइल के कारण भंग होता है। सुपरिंटेंडेंट भागता हुआ आता है और बताता है कि वे यह काम ख़ुद नहीं कर सकते, क्योंकि वे व्यापार विभाग से संबंधित हैं और यह पेड़ की समस्या है जो कृषि विभाग के अधीन है। इस प्रकार, विभागीय ज़िम्मेदारी के हस्तांतरण के कारण लोगों का संकल्प टूट जाता है।


प्रश्न 2: यह कहना कहाँ तक युक्तिसंगत है कि इस कहानी में हास्य के साथ-साथ करुणा की भी अंतर्धारा है। अपने उत्तर के पक्ष में तर्क दें।

उत्तर-
यह कहना पूरी तरह युक्तिसंगत है कि पुस्तक की इस कहानी में हास्य-व्यंग्य के साथ-साथ करुणा की भी गहरी अंतर्धारा है।

क. हास्य और व्यंग्य

कहानी का ढाँचा ही हास्य-व्यंग्य पर टिका है। सरकारी कर्मचारियों की निष्क्रियता, लालफ़ीताशाही और पद-सोपान (पदानुक्रम) की निरर्थकता को अतिशयोक्तिपूर्ण ढंग से प्रस्तुत किया गया है। विभाग दर विभाग फ़ाइल का घूमना, कवि को काटने का सुझाव देना, और आदमी की जान से ज़्यादा फलदार पेड़ या अंतर्राष्ट्रीय संबंधों को महत्त्व देना हास्यास्पद स्थितियाँ उत्पन्न करता है।

ख. करुणा की अंतर्धारा

करुणा की अंतर्धारा दबे हुए आदमी की पीड़ा और उसकी धीमी मृत्यु में निहित है। जहाँ एक ओर सरकारी मशीनरी बेतुकी बातों में उलझी रहती है, वहीं दूसरी ओर एक ज़िंदा आदमी दर्द में कराहते हुए मर जाता है। कवि की बेबसी, माली का एकमात्र मानवीय प्रयास (खाना खिलाना), और अंत में, "उसके जीवन की फ़ाइल भी पूर्ण हो चुकी थी" – ये सभी दृश्य पाठकों के मन में सरकारी व्यवस्था के संवेदनशून्य और अमानवीय होने के प्रति गहरी करुणा और दुःख पैदा करते हैं।


प्रश्न 3: यदि आप माली की जगह पर होते, तो हुकूमत के फ़ैसले का इंतज़ार करते या नहीं। अगर हाँ, तो क्यों? और नहीं, तो क्यों?

उत्तर-
यदि मैं माली की जगह पर होता, तो हुकूमत के फ़ैसले का इंतज़ार नहीं करता।

तर्क:
क. मानवीय कर्तव्य: एक ज़िंदा आदमी पेड़ के नीचे दबा है और उसका जीवन संकट में है। इस स्थिति में, प्रशासनिक नियमों का पालन करने से ज़्यादा महत्वपूर्ण मानवीय जीवन की रक्षा करना मेरा प्राथमिक कर्तव्य होता।

ख. तत्काल कार्रवाई: जैसा कि कहानी में बताया गया है, पंद्रह-बीस लोग मिलकर पेड़ को हटा सकते थे। जब सहायता उपलब्ध है, तो मिनटों के काम के लिए दिनों तक फ़ाइल के घूमने का इंतज़ार करना अमानवीय और मूर्खतापूर्ण होता।

ग. माली की सहानुभूति: माली में ही एकमात्र ऐसा व्यक्ति था जिसमें दबे हुए आदमी के लिए सबसे ज़्यादा सहानुभूति थी और वह उसे रात में खाना भी खिलाता था। माली होने के नाते मैं केवल खाने-पीने की मदद तक सीमित नहीं रहता, बल्कि जोखिम उठाकर भी लोगों को संगठित करके पेड़ हटाने का प्रयास करता।
(पुस्तक में पृष्ठ 93, 94 पर माली का व्यवहार)


भाषा की बात

प्रश्न 1: नीचे दिए गए अंग्रेज़ी शब्दों के हिंदी प्रयोग लिखिए—
अजेंर्ट, फ़ॉरेस्ट डिपार्टमेंट, मेंबर, डिप्टी सेक्रेटरी, चीफ़ सेक्रेटरी, मिनिस्टर, अंडर सेक्रेटरी, हॉर्टीकल्चर डिपार्टमेंट, एग्रीकल्चर डिपार्टमेंट

उत्तर-

अंग्रेज़ी शब्द (पुस्तक से)हिंदी प्रयोग
अर्जेंट (अजे±ट)अति आवश्यक
फ़ॉरेस्ट डिपार्टमेंट (फॉरेस्ट fMikVZeasV)वन विभाग
मेंबर (मेम्बर)सदस्य
डिप्टी सेक्रेटरी (fMIVh lsozsQVjh)उप सचिव
चीफ़ सेक्रेटरी (phI+kQ lsozsQVjh)मुख्य सचिव
मिनिस्टर (fefuLVj)मंत्री
अंडर सेक्रेटरी (vaMj lsozsQVjh)अवर सचिव
हॉर्टीकल्चर डिपार्टमेंट (gkWVhZdYpj fMikVZeasV)उद्यान कृषि विभाग
एग्रीकल्चर डिपार्टमेंट (,xzhdYpj fMikVZeasV)कृषि विभाग
(पुस्तक में पृष्ठ 92, 93, 97 पर उल्लिखित)

प्रश्न 2: पाठ में से पाँच संयुक्त वाक्यों को चुनिए और उन्हें सरल वाक्य में रूपांतरित कीजिए।

उत्तर-
क. संयुक्त वाक्य: माली दौड़ा-दौड़ा चपरासी के पास गया और चपरासी दौड़ा-दौड़ा क्लर्क के पास गया।
सरल वाक्य: माली से होते हुए चपरासी दौड़कर क्लर्क के पास गया।

ख. संयुक्त वाक्य: रात को माली ने दबे हुए आदमी को दाल-भात खिलाया, जबकि उसके चारों तरफ पुलिस का पहरा था।
सरल वाक्य: पुलिस के पहरे के बावजूद, रात को माली ने दबे हुए आदमी को दाल-भात खिलाया।

ग. संयुक्त वाक्य: फाइल चलती रही और इसी में आधा दिन बीत गया।
सरल वाक्य: फाइल के चलते रहने के कारण आधा दिन बीत गया।

घ. संयुक्त वाक्य: माली बहुत खुश था, मगर दबा हुआ आदमी किसी न किसी तरह अपने जीवन के लिए लड़े जा रहा था।
सरल वाक्य: माली के बहुत खुश होने पर भी दबा हुआ आदमी किसी न किसी तरह अपने जीवन के लिए लड़े जा रहा था।

ङ. संयुक्त वाक्य: यह भी समझो कि पिटोनिया सरकार हमारे राज्य को कितनी सहायता देती है और क्या हम उनकी मित्रता की खातिर एक आदमी के जीवन का भी बलिदान नहीं कर सकते?
सरल वाक्य: यह समझते हुए कि पिटोनिया सरकार हमारे राज्य को सहायता देती है, क्या हम उनकी मित्रता की खातिर एक आदमी के जीवन का बलिदान नहीं कर सकते?
(पुस्तक में पृष्ठ 91 से 98 पर उल्लिखित)